वैशिष्ट्यीकृत पोस्ट

देशभक्ती कविता/चारोळ्या

गर्जा महाराष्ट्र माझा

रेवा वरदा, कृष्ण कोयना, भद्रा गोदावरी
एकपणाचे भरती पाणी मातीच्या घागरी
भीमथडीच्या तट्टांना या यमुनेचे पाणी पाजा
जय जय महाराष्ट्र माझा ...

भीती न आम्हा तुझी मुळी ही गडगडणार्‍या नभा
अस्मानाच्या सुलतानीला जवाब देती जीभा
सह्याद्रीचा सिंह गर्जतो, शिवशंभू राजा
दरीदरीतून नाद गुंजला महाराष्ट्र माझा

काळ्या छातीवरी कोरली अभिमानाची लेणी
पोलादी मनगटे खेळती खेळ जीवघेणी
दारिद्र्याच्या उन्हात शिजला, निढ़ळाच्या घामाने भिजला
देशगौरवासाठी झिजला
दिल्लीचेही तख्त राखितो, महाराष्ट्र माझा

देशभक्ति शायरी हिंदी में (Deshbhakti Shayari Hindi Me)

लिख रहा हूँ मैं अंजाम, जिसका कल आगाज आएगा,
मेरे लहू का हर एक कतरा इंकलाब लाएगा.

Desh Bhakti Hindi Status

दिल से मर कर भी ना निकलेगी वतन की उल्फ़त,
मेरे मिट्टी से भी खुशबू-ए-वतन आएगी.



जो अब तक ना खौला वो खून नही पानी हैं,
जो देश के काम ना आये वो बेकार जवानी हैं.



सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में हैं,
देखना हैं जोर कितन बाजू-ए-कातिल में हैं,
वक्त आने दे बता देंगे तुझे ए आसमां,
हम अभी से क्या बताएं क्या हमारे दिल में हैं.



लड़ें वो बीर जवानों की तरह,
ठंडा खून फ़ौलाद हुआ,
मरते-मरते भी की मार गिराए,
तभी तो देश आज़ाद हुआ.



किसी को लगता हैं हिन्दू ख़तरे में हैं,
किसी को लगता मुसलमान ख़तरे में हैं,
धर्म का चश्मा उतार कर देखो यारों,
पता चलेगा हमारा हिंदुस्तान ख़तरे में हैं.



है नमन उनको कि जो यशकाय को अमरत्व देकर,
इस जगत में शौर्य की जीवित कहानी हो गये हैं,
है नमन उनको जिनके सामने बौना हिमालय,
जो धरा पर गिर पड़े पर आसमानी हो गये हैं.

Latest Deshbhakti Shayari

उन आँखों की दो बूंदों से सातों सागर हारे हैं,
जब मेहँदी वाले हाथों ने मंगल-सूत्र उतारे हैं.



कुछ पन्ने इतिहास के
मेरे मुल्क के सीने में शमशीर हो गएँ,
जो लड़े, जो मरे वो शहीद हो गएँ,
जो डरे, जो झुके वो वजीर हो गएँ.



चिंगारी आजादी की सुलगी मेरे जश्न में हैं,
इन्कलाब की ज्वालाएं लिपटी मेरे बदन में हैं,
मौत जहाँ जन्नत हो ये बात मेरे वतन में हैं,
कुर्बानी का जज्बा जिन्दा मेरे कफन में हैं.

दुश्मन की गोलियों का हम सामना करेंगें,
आजाद हैं और आजाद ही रहेंगें.



अनेकता में एकता ही इस देश की शान हैं,
इसलिए मेरा भारत देश महान हैं.



अपनी आजादी को हम हरगिज मिटा सकते नही !
सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नही!!



मैं जला हुआ राख नही, अमर दीप हूँ,
जो मिट गया वतन पर, मैं वो शहीद हूँ.



भारत की फ़जाओं को सदा याद रहूँगा,
आज़ाद था, आज़ाद हूँ, आज़ाद रहूँगा.



ये पेड़ ये पत्ते ये शाखें, भी परेशान हो जाएँ,
अगर परिंदे भी हिन्दू और मुसलमान हो जाएँ.



कहते हैं अलविदा हम अब इस जहान को,
जा कर ख़ुदा के घर से अब आया न जाएगा,
हमने लगाई आग हैं जो इंकलाब की,
इस आग को किसी से बुझाया ना जाएगा.


खूब बहती हैं अमन की गंगा बहने दो,
मत फैलाओ देश में दंगा रहने दो,
लाल हरे रंग में ना बाटो हमको,
मेरे छत पर एक तिरंगा रहने दो.


शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले,
वतन पे मरने वालो का यही बाकि निशां होंगा.


आन देश की शान देश की, देश की हम संतान हैं,
तीन रंगों से रंगा तिरंगा अपनी ये पहचान हैं.


चढ़ गये जो हँसकर सूली, खाई जिन्होंने सीने पर गोली,
हम उनको प्रणाम करे हैं, जो मिट गये देश पर,
हम सब उनको सलाम करते हैं.

यदि प्रेरणा शहीदों से नहीं लेंगे तो ये आजादी ढलती हुई साँझ हो जायेगी
और पूजे न गए, वीर तो सच कहता हूँ कि नौजवानी बाँझ हो जायेगी.


आओ झुककर सलाम करे उनको,
जिनके हिस्से में ये मुकाम आता है,
खुशनसीब होते हैं वो लोग,
जिनका लहू इस देश के काम आता है.


फना होने की इज़ाजत ली नहीं जाती,
ये वतन की मोहब्बत है जनाब…
पूछ के नहीं की जाती.


गीले चावल में शक्कर क्या क्या गिरी,
तुम भिखारी खीर समझ बैठे,
चंद कुत्तो ने पाकिस्तान जिंदाबाद क्या बोला,
तुम कश्मीर को अपने बाप की ज़ागीर समझ बैठे.


ऐ पाक, तेरा ख़्वाब नजारा ही रहेगा,
तू क़िस्मत का मारा है मारा ही रहेगा,
तेरे हर सवाल का जबाब करारा ही रहेगा,
कश्मीर हमारा हैं और हमारा ही रहेगा.


तीन रंग का नही वस्त्र, ये ध्वज देश की शान हैं,
हर भारतीय के दिलो का स्वाभिमान हैं,
यही है गंगा, यही हैं हिमालय, यही हिन्द की जान हैं,
और तीन रंगों में रंगा हुआ ये अपना हिन्दुस्तान हैं.


शहीदों के त्याग को हम बदनाम नही होने देंगे,
भारत की इस आजादी की कभी शाम नही होने देंगे.


तिरंगे ने मायूस होकर “सरकार” से पूछा कि ये क्या हो रहा हैं,
मेरा लहराने में कम और कफन में ज्यादा इस्तेमाल हो रहा हैं.


दाबोगे अगर और उभर आयेगा भारत,
हर वार पर कुछ और निखर जायेगा भारत
दस-बीस जाहिलों को ग़लतफ़हमी हुई है,
दो-चार धमाको से ही डर जायेगा भारत.


चाहता हूँ कोई नेक काम हो जाए,
मेरी हर साँस देश के नाम हो जाए,


हँसते-हँसते फाँसी चढ़कर अपनी जान गवा दी,
और बदले में दे दी ये पावन आजादी.


मन को खुद ही मगन कर लो,
कभी-कभी शहीदों को भी नमन कर लो.


दिवाली में बसे “अली”, रमजान में बसे “राम”,
ऐसा सुंदर होना चाहिए अपना हिन्दुस्तान.


भारत का वीर जवान हूँ मैं,
ना हिन्दू, ना मुसलमान हूँ मैं,
जख्मो से भरा सीना हैं मगर,
दुश्मन के लिए चट्टान हूँ मैं,
भारत का वीर जवान हूँ मैं.


चलो फिर से खुद को जगाते हैं,
अनुशासन का डंडा फिर घुमाते हैं,
सुनहरा रंग हैं गणतंत्र का,
शहीदों के लहूँ से,
ऐसे शहीदों को हम सर झुकाते हैं.


उनके हौसले का भुगतान क्या करेगा कोई,
उनकी शहादत का कर्ज देश पर उधार हैं,
आप और हम इसलिए खुशहाल हैं
क्योकि सीमा पे सैनिक शहादत को तैयार हैं.


गूँजे कहीं पर शंख,
कही पे अजाँ हैं,
बाइबिल है, ग्रन्थ साहब है,
गीता का ज्ञान हैं,
दुनिया में खी और यह मंजर नसीब नही,
दिखाओ जमाने को यह हिन्दुस्तान हैं.


फिर उड़ गई नींद मेरी यह सोचकर,
कि जो शहीदों का बहा वो खून
मेरी नींद के लिए था.


बस ये बात हवाओं को बताये रखना,
रौशनी होगी चिरागों को जलाए रखना,
लहू देकर भी जिसकी हिफाजत की शहीदों ने,
उस तिरंगे को सदा दिल में बसायें रखना.


अलग है भाषा, धरम, जात और प्रान्त, भेष, परिवेश
पर सबका एक है गौरव राष्ट्रध्वज तिरंगा श्रेष्ठ.


मैं मुस्लिम हूँ, तू हिन्दू है,
है दोनों इंसान,
ला मैं तेरी गीता पढ़ लूँ, तू पढ़ ले कुरान,
अपने तो दिल में है दोस्त,
बस एक ही अरमान,
एक थाली में खाना खाए सारा हिन्दुस्तान.


वो तिरंगे वाले DP हो तो लगा लेना…
भाई जी…
सुना है कल देशभक्ति दिखने
वाली तारीख हैं.


कुछ नशा तिरंगे की आन का हैं,
कुछ नशा मातृभूमि की शान का हैं,
हम लहरायेंगे हर जगह ये तिरंगा,
नशा ये हिन्दुस्तान की शान का हैं.


आजदी की कभी शाम नही होने देंगे,
शहीदों की कुर्बानी बदनाम नही होने देंगे,
बची हो जो इस बूँद भी गर्म लहू की,
तब तक भारत के आंचल नेलाम नही होने देंगे.


दे सलामी इस तिरंगे को
जिस से तेरी शान हैं,
सर हमेशा ऊँचा रखना इसका
जब तक दिल में जान हैं…!!!

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घडतोय बदल
चढतेय वीटेवर वीट
मिटतेय गुलामी
आपण होतोय धीट

उठत आहेत प्रश्न
कुरवाळतोय शंका
अन्यायाविरुद्ध
कुणी वाजवतोय डंका

पसरतेय महिती
हक्कासाठी भांडतोय
उलट सुलट का होईनात
आपण विचार मांडतोय

घडवितोय देश आपला
अंतराळी इतिहास
उद्याच्या चैतन्यावर
दृढ होतोय विश्वास

कोपर्‍यातल्या झोपडीमध्ये
प्रगतीची इच्छा दिसतेय
पुस्तकाच्या बाजारातही
आशेची पालवी रुजतेय

भारतीय असण्याचा वाटे
मनापासून अभिमान
बलाढ्य सुंदर समृद्ध स्वतंत्र
माझा भारत देश महान
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